CUET (Common University Entrance Test) 2025 के लिए NTA (National Testing Agency) ने नए टाई-ब्रेकिंग नियमों की घोषणा की है। इस नियम के तहत, यदि दो या अधिक छात्रों की समान रैंक आती है, तो उनके 12वीं कक्षा के अंक के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य अधिक स्पष्ट और निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करना है। इस ब्लॉग में हम इस नए नियम, उसकी प्रक्रिया, और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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1. CUET 2025 का महत्व और परीक्षा का प्रारूप
CUET भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कई प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यह परीक्षा छात्रों को एक समान अवसर प्रदान करती है ताकि वे अपनी पसंद के विश्वविद्यालय में प्रवेश पा सकें।
CUET 2025 की प्रमुख बातें:
यह एक कंप्यूटर-आधारित परीक्षा (CBT) होगी।
इसमें तीन प्रमुख सेक्शन होंगे – भाषा परीक्षण, डोमेन-स्पेसिफिक टेस्ट और जनरल टेस्ट।
यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जाएगी।
2. समान रैंक की स्थिति और टाई-ब्रेकिंग नियम
कई बार ऐसा होता है कि दो या अधिक छात्र समान स्कोर प्राप्त कर लेते हैं, जिससे उनकी रैंक भी समान होती है। इस स्थिति को 'टाई' कहा जाता है। CUET 2025 के नए नियमों के तहत, टाई को तोड़ने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:
सबसे पहले, 12वीं कक्षा के अंकों की तुलना की जाएगी। जिसका स्कोर अधिक होगा, उसे वरीयता मिलेगी।
यदि 12वीं के अंक भी समान होते हैं, तो संबंधित विषय (Domain Subject) के स्कोर को प्राथमिकता दी जाएगी।
यदि टाई तब भी नहीं टूटता, तो छात्र की आयु को देखा जाएगा – अधिक उम्र के उम्मीदवार को प्राथमिकता मिलेगी।
3. 12वीं के अंकों की भूमिका और उनका महत्व
इस नए नियम के अनुसार, CUET में समान स्कोर होने की स्थिति में 12वीं के अंक निर्णायक होंगे। इसलिए छात्रों के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे न केवल CUET की तैयारी करें, बल्कि 12वीं कक्षा में भी अच्छे अंक प्राप्त करने का प्रयास करें।
किन विषयों के अंक होंगे महत्वपूर्ण?
यदि आप किसी विशिष्ट डोमेन के लिए CUET दे रहे हैं, तो उस विषय के 12वीं के अंक अहम होंगे।
यदि विषय विशेष में भी टाई होता है, तो कुल प्रतिशत को ध्यान में रखा जाएगा।
कुछ विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश प्रक्रिया में 12वीं के अंकों का अलग से महत्व भी दे सकते हैं।
4. अन्य टाई-ब्रेकिंग मानदंड
NTA ने स्पष्ट किया है कि यदि समान रैंक की स्थिति बनी रहती है, तो अन्य मानदंड भी अपनाए जा सकते हैं:
आयु का महत्व:
अधिक उम्र के छात्र को वरीयता दी जाएगी।
पहले-आओ, पहले-पाओ सिद्धांत:
कुछ मामलों में, आवेदन जमा करने की तारीख और समय को भी देखा जा सकता है।
हालांकि, प्राथमिकता 12वीं के अंकों को दी जाएगी, लेकिन अन्य मानदंडों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
5. छात्रों के लिए रणनीति और सुझाव
अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि CUET 2025 में 12वीं के अंक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, तो छात्रों को अपनी तैयारी में संतुलन बनाना होगा।
कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
12वीं की पढ़ाई को हल्के में न लें
CUET की तैयारी करते समय भी बोर्ड परीक्षाओं पर ध्यान दें।
अपनी कमजोरियों को पहचानें
जिन विषयों में आप कमजोर हैं, उन्हें अभी से मजबूत करें।
समय प्रबंधन करें
CUET और बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक संतुलित शेड्यूल बनाएं।
अभ्यास करें और मॉक टेस्ट दें
CUET और बोर्ड परीक्षाओं के लिए नियमित मॉक टेस्ट देना जरूरी है।
6. निष्कर्ष
CUET 2025 में समान रैंक होने की स्थिति में 12वीं के अंकों को निर्णायक मानने का फैसला छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे उन छात्रों को लाभ मिलेगा जिन्होंने अपनी बोर्ड परीक्षाओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए, CUET की तैयारी के साथ-साथ 12वीं की पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देना आवश्यक हो गया है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. CUET 2025 में समान रैंक होने पर क्या होगा?
यदि दो या अधिक छात्रों की समान रैंक आती है, तो उनके 12वीं के अंकों के आधार पर टाई-ब्रेकिंग की जाएगी।
2. क्या सभी विषयों के अंक टाई-ब्रेकिंग में गिने जाएंगे?
मुख्य रूप से संबंधित डोमेन विषय के अंक देखे जाएंगे, लेकिन यदि टाई नहीं टूटता, तो कुल 12वीं के प्रतिशत को देखा जाएगा।
3. क्या CUET में 12वीं के अंकों का सीधा प्रभाव पड़ेगा?
सीधे तौर पर नहीं, लेकिन यदि समान रैंक की स्थिति बनती है, तो 12वीं के अंक निर्णायक होंगे।
4. यदि 12वीं के अंक भी समान हों, तो क्या होगा?
इस स्थिति में, संबंधित विषय के अंक देखे जाएंगे। अगर तब भी टाई बना रहता है, तो आयु के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
5. क्या CUET 2025 के इस नियम से छात्रों को कोई नुकसान होगा?
यह उन छात्रों के लिए चुनौती हो सकती है, जिन्होंने केवल CUET की तैयारी की और 12वीं के अंकों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इसलिए दोनों की तैयारी संतुलित रूप से करना आवश्यक है।
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